अमृतसरी प्रेम कहानी, जो हो न सकी…

निकला था मैं देश देखने,
खाने पीने, और कुछ अच्छा लिखने.
क्या पता था यह सफ़र मेरा दिल तोड़ देगा,
ग़म भरे मोड़ पर ला कर मुझे छोड़ देगा.

भरवान दा ढाबा के वोह करारे कुलचे
मदमस्त चने और खिलखिलाती लस्सी.
फिरनी जैसी आपने कभी न खायी,
नरम पनीर की बाहों में संतुष्टी पायी.

चटोरेपन का अध्याय पूर्ण कर,
जब निकल रहा था उदर से डकारो का स्वर.
तभी आई पीछे से एक मधुर वाणी
“Excuse Me”

सुन के लगा यह तो है कोई अपनी,
कानो में घुल सी गयी जैसे फिर वही मलाईदार फिरनी.
लम्बा कद, गोरा रंग, हलके हरे नयन,
पहली नज़र में ही मेरे दिल ने कर लिया उसका चयन.

उत्सुकता से भरी, हलकी सकपकाई, हलकी चकराई,
करना चाहती थी भारतीय खाने की पढाई.
मैंने कहा मैं समझाता आपको क्या मक्खन क्या मलाई,
मन ही मन कहा वाह कन्या तूने क्या किस्मत है पायी.

बातो ही बातो में पता पड़ा घूम रही वोह अपना ७१वा देश,
थी पत्रकार, करती खबरों से प्यार और गर्मी से क्लेष.
वार्तालाप आगे बढ़ा, जन्मा प्रेम का नवंकुर,
उन आँखों में भी दिखा बढ़ता लगाव क्षणभंगुर.

उसने कहा कल कल दिन “साथ” करीबी गाँव है घूमते,
अमृतसर की गलियों के स्वादों को चखते.
दिल गया धड़क और बढ़ी मेरी आशा,
पर पेट में हो रही थी गुडगुड और सिर में घनघोर तमाशा.

इन सबके ऊपर आधे घंटे में थी मेरी बस,
प्रेम और पेट के बीच हुआ मैं बेबस.
मैंने सोचा यही थी अपनी कहानी,
अलविदा कहते हुए आखों में आ गया पानी.

जाते जाते मिला मुझे एक दोस्ताना आलिंगन,
जिसकी यादो के सहारे कटेगा मेरा जीवन.
माहौल तो पका, पर प्यार की फिरनी न पक सकी,
अमृतसरी प्रेम कहानी, जो हो न सकी, जो हो न सकी…

-अभिषेक ‘देसी’ देशपांडे

Comments

4 responses to “अमृतसरी प्रेम कहानी, जो हो न सकी…”

  1. Amrita Avatar

    kya baat hai!! Bharwana da dhaabha ki chhole aur lassi par toh hum bilkul aapke sath hai 🙂

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    1. desh Avatar
      desh

      😀

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  2. Ashrita Apfelstrudel Avatar

    Kya baat hai desh aapki kavita hamare dil ko touch kar gayi 🙂 Lovely work. Also Bharawan da Dhaba is amazing!!!

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    1. desh Avatar
      desh

      Dhanyawaad Ashrita Ji 🙂

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