गुमसुम गुमसुम…
लाल लाल, नरम नरम,
इस टमाटर मैं है बड़ा दम.
जब टमाटर ketchup बन जाता,
हर टेबल की यह शोभा बढाता.
पकोड़े हो या पिज़्ज़ा, समोसा हो या आमलेट,
टमाटर है कुदरत की एक भेंट.
पर जब इंसान को हक है अपना जीवन जीने का,
तो क्या टमाटर को हक नहीं अपनी राह चुनने का?
किस्मत मैं था उसके की ketchup बन जाऊ,
बच्चो बड़ो सबके दिल मैं समाऊ.
पर उसे क्या पता था की वोह बन सकता है body wash कटरीना का,
उस कोमल बदन पर छीटा गुलाब का.
शीला की जवानी, टमाटर की रवानी,
टमाटर लिखे प्यार की एक नयी कहानी.
सलमान, रणबीर है किस खेत की मूली,
जब खुद टमाटर खेले लाल रंग की होली.
कटरीना भी हुई दीवानी,
टमाटर की थी यही अनोखी कहानी.
– अभिषेक देशपांडे ‘देसी’
Refer:
Ek Junoon- http://www.youtube.com/watch?v=KSsSM2IR2LY
Inspirations: Rosesh Sarabhai
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